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1 घंटे पहलेलेखक: रौनक केसवानी
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फाइटर फेम एक्टर ऋषभ साहनी ने हाल ही में दैनिक भास्कर से खास बातचीत की है। उन्होंने फिल्म के लिए अपनी तैयारी पर बात करते हुए बताया कि अपने कैरेक्टर में जाने के लिए उन्होंने 5 दिनों तक किसी से बात नहीं की थी।
‘फाइटर’ में आपके किरदार की काफी तारीफ हुई है, कैसा फील हो रहा है?
ऋषभ साहनी ने कहा- जी बहुत अच्छा फील हो रहा है, आप जब परफॉर्म करते हो, तब आप उम्मीद करते हैं कि लोगों को आपकी परफॉर्मेंस पसंद आएगी। इस किरदार के लिए काफी मेहनत भी की थी। मुझे अच्छा लगा कि लोगों को मेरा काम काफी पसंद आया। काफी लोग इससे खुश हैं और मैं काफी खुश हूं।

अपने किरदार के लिए आपको क्या-क्या करना पड़ा?
मैंने दो तरह से इसकी प्रिपरेशन की थी। एक तो मेंटली और दूसरी फिजिकली। क्योंकि मुझे जो ब्रीफ दिया गया था उसमें मुझे कहा गया था कि मुझे बहुत बड़ा दिखना है, इतना कि मैं अकेले सब से लड़ सकूं। इसके लिए मैंने एक फिटनेस कोच को हायर किया था। इसके बाद मैंने अपनी टीम बनाई थी। मैं दिन में लगभग 7 से 8 बार खा रहा था और दो से ढाई घंटा वर्कआउट कर रहा था।

मेंटल प्रिपरेशन के लिए मैंने एक एक्टिंग कोच के साथ काम किया था। कैरेक्टर में घुसने के लिए मैं चार-चार पांच-पांच दिन किसी से बात नहीं करता था, और यह चार-चार, पांच-पांच दिन हमने 5 से 6 बार हमने किया था। उसके अलावा मुझे आखिर के दो-तीन महीने से वॉर डॉक्यूमेंट्री देखने के लिए कहा गया था। उसके अलावा मैंने कुछ भी नहीं देखा था।

आपका फिल्म में काम करने का एक्सपीरियंस कैसा रहा?
बहुत ही अमेजिंग एक्सपीरियंस था। सिद्धार्थ सर और ऋतिक कर के अलावा सभी ब्रिलियंट थे। मतलब उन्होंने मुझे ऐसा एहसास होने नहीं दिया कि यह मेरी पहली फिल्म है। मैं सिद्धार्थ सर से ओपनली किसी भी बारे में बात कर सकता था, हम लोग हर चीज डिस्कस करते थे। ऋतिक सर ने भी बहुत कंफर्टेबल कर दिया था। वह इतने अच्छे एक्टर हैं कि बतौर को एक्टर वह आपके ऊपर से प्रेशर हटा देते हैं।

आपका और ऋतिक का फाइट सीक्वेंस के बारे में कुछ बता सकें? जी बिल्कुल जब हम सीन स्टार्ट कर रहे थे तो मैं थोड़ा सा नर्वस जरूर था कि किसी को चोट न लग जाए। ऋतिक सर को लेकर मैं थोड़ा एक्स्ट्रा ही डरा हुआ था कि उनको न लग जाए और उन्होंने उसे चीज को सेंस कर लिया था।
जब हम फर्स्ट टाइम रिहर्सल कर रहे थे। तब उन्होंने खुद ही कहा कि मुझे पता है कि तुम नर्वस हो, लेकिन तुम एक चीज ध्यान में रखो कि तुम्हारा काम है पंच मारना और मेरा काम है बचना, तो उन्होंने कहा कि तू टेंशन मत ले थोड़ा ध्यान देकर भी करेगा तो हो जाएगा। उन्होंने इस तरह से इसे बहुत इजी कर दिया। इसके बाद मैंने खुलकर एक्शन शूट किया।

कश्मीर में शूट का एक्सपीरियंस कैसा रहा?
शूट करना कश्मीर में अपने आप में ही एक चैलेंज था। एक तो मेरा मेकअप ऐसा होता था कि मुझे सबसे पहले उठना पड़ता था। वहां पर इतनी ठंड थी कि लोकेशन पर जाते-जाते हाल खराब हो जाता था, लेकिन लकिली मेरे कॉस्ट्यूम ऐसे थे कि मुझे वहां पहने के लिए जैकेट थी। एक्सपीरियंस तो बेहद खूबसूरत था बर्फ के बीच में मैं ड्राइव कर रहा था, बर्फ के बीच में सीन्स हो रहे हैं।

सोशल मीडिया आपके लिए कितना जरूरी है?
यह इंपॉर्टेंट हो गया है। लेकिन मुझे सोशल मीडिया से इतना लगाव नहीं है। मुझे नहीं मन कर रहा था कि लोगों के बीच में चीज अपलोड करो और बातें बताओ। लेकिन फिल्म करने के बाद मुझे रियलाइज हुआ है कि यह कितना जरूरी है क्योंकि कितने सारे लोगों ने मुझे मैसेज किया है कि मेरी जर्नी ने उन्हें इंस्पायर्ड किया है। तो अब मुझे महसूस हो रहा है कि यह बहुत ही इंपॉर्टेंट प्लेटफार्म है, तो अगर मैं बोलूंगा लोगों को तो और भी लोग इंस्पायर्ड होंगे।
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